कमजोर कहानी, असरदार Action, एक जबरदस्ती का SPY Universe बनाने की नाक़ामयाब कोशिश : Tiger 3 Film Review

Review by : Abhinandan dwivedi (Former RJ)

“दुनिया के नक्शे से हिंदुस्तान का वजूद ही मिटा दूंगा मैं…”, जब तक टाइगर मरा नहीं, तब तक टाइगर हारा नहीं…”, आतिशबाजी तुमने शुरू की है, ख़त्म मैं करूंगा…” ऐसे ही कुछ गिने – चुने Dialogue या यूं कहें कि बस यही कुछ ऐसे Dialogue हैं जिनपे दर्शक की सिट्टी सुनिए पड़ती है। एक ठीक ठाक कहानी, असरदार एक्शन, कमजोर पटकथा, हल्के – फुल्के Dialogue, कैटरीना कैफ का एक्शन अवतार, इमरान हाशमी का शक्तिहीन किरदार, Shahrukh khan और Hrithik Roshan का रोमांचित कर देने वाला कैमियो, देश – दुनिया के खूबसूरत वादियों और राष्ट्र प्रेम के सन्देश से जोड़ने की कोशिश है फ़िल्म Tiger 3.

Special Mention :

इससे बेहतर Story Plot, Powerpack कहानी और एक्शन ‘Tiger Zinda Hai’ में देखने मिला था। एक जबरदस्ती का SPY Universe बनाने की नाकामयाब कोशिश है। साल 2012, 15Aug को release हुई ‘Ek Tha Tiger’ (Box Office Collection : Approx 198.78 cr) ने एक Secret Mission या Intelligence Based Story के रूप में दर्शकों पर खासा असर छोड़ा। उसके बाद 22 Dec 2017 को release हुई Tiger Zinda Hai (Box Office Collection : Approx 340 cr) ने अपनी जबरदस्त कहानी और अफलातून एक्शन से Box Office पर जोरदार कमाई करने में कामयाब रही। यही से कहानी में ट्विस्ट आता है। इन सभी फिल्मों को बनाने वाली Production Company ‘YRF’ को Hollywood की तर्ज पर एक SPY Universe बनाने का आईडिया आता है। जो कि पहले ‘Pathaan’ और अब ‘Tiger 3’ को जोड़ते हुए Hrithik Roshan की फ़िल्म ‘War’ से जुड़ते हुए आगे बढ़ेगी। SPY Universe के नाम पर एक्टर्स का Cameo ! क्या वाकई दर्शक को पसंद आरहा है ? ये अपने आप में सवाल है ? क्या SPY Universe का मतलब सिर्फ Hero या Superstar का Cameo होता है ? ये फिल्मी दुनिया में दिलचस्पी रखने वाले लोगों के लिए सोचनीय विषय है ?

Story :

कहानी पर बात तब और बेहतर होती है जब कहानी हो और एक सलीके से हो, यहाँ मामला दोनो ही उल्टे हैं। कहानी में एक्शन हो तो फ़िल्म का उद्देश्य दर्शक तक पहुँच पाता है, लेकिन जब एक्शन में कहानी को खोजा जाए तब मामला फंसता नज़र आता दिखाई पड़ता है। इस फ़िल्म के साथ भी यही कुछ हो रहा है। फ़िल्म में एक्शन है और देखने में अच्छा भी लगता है, बशर्ते कि कहानी कहीं गुम हो चली है।

फ़िल्म की शुरुआत होती है एक छोटी बच्ची और उसके पिता के साथ बॉक्सिंग प्रैक्टिस करते हुए। पिता आईएसआई के एजेंट हैं, जिनकी अचानक से मौत होंने के बाद बेटी भी एजेंट बनने का ठान लेती है। कुछ वक्त के बाद बच्ची की मुलाक़ात एजेंट आतिश रहमान (इमरान हाशमी) से होती है। Cut to कहानी आगे बढ़ती है, Tiger अपने पुराने साथी एजेंट गोपी (रणवीर शौरी) को बचाने का जिम्मा अपने सर लेता है और इसी बीच उसे पता चलता है कि जोया (कैटरीना कैफ) आईएसआई के लिए काम कर रही है। किन्ही वजहों से टाइगर का सीधा सामना आतिश से होता है। यहाँ कहानी में एक ट्विस्ट आता है। आतिश टाइगर का बेटा ‘जूनियर’ को मोहरा बना कर जोया और टाइगर के सामने एक शर्त रखता है। यहाँ से शुरू होता है धूम – धड़ाक, गोलियों की आवाज़, गाड़ियों की रफ्तार, हेलीकॉप्टर का विस्फोट और बहुत कुछ। लेकिन इन सब के पीछे छिपा है आतिश रहमान का पाकिस्तान को लेकर एक बड़ा प्लान है ? क्या है आतिश रहमान का पाकिस्तानी प्लान ? टाइगर को अपने ही देश के लोग गद्दार क्यों कहते हैं ? पाकिस्तान में टाइगर का अगला कदम क्या है ? क्या जोया देश और टाइगर को धोखा देती है ? ऐसे कई सवालों का जवाब फ़िल्म खत्म होते आपको मिलता है।

Actors Performance :

Tiger के किरदार में सलमान खान अपनी पिछली फिल्म ‘Tiger Zinda Hai’ से कमजोर दिखते हैं। सलमान के किरदार को सिर्फ Star Factor से रूप में भुनाने की कोशिश फ़िल्म को कमजोर बनाती है। एक्शन करते हुए सलमान अच्छे जरूर दिखे हैं लेकिन दर्शक के बीच वो खलबली पैदा करने में नाकामयाबी ही हाथ लगी है। फ़िल्म में Salman की Entry भी दर्शकों को कोई खासा प्रभावित नहीं कर पाती है। ShahRukh Khan को Cameo में देख कर थोड़ा रोमांच जरूर मिलता है। Hrithik Roshan का Cameo भविष्य की कहानी के लिए कई सवाल छोड़ जाता है। War का कबीर, कैसे Tiger के साथ किसी मिशन को अंजाम देगा, ये आगे देखना दिलचस्प होगा। Hrithik की एक फ्रेम पर दर्शकों का शोर फ़िल्म में जान डालता है। Action करते हुए शाहरुख बेहद खतरनाक लगते हैं। katrina Kaif के किरदार में मेहनत दिखती है, ख़ास कर Climax Scene में उनके एक्शन पर ताली बजती है। Imran Hasmi को करने के लिए कुछ था नहीं, चूंकि उनके किरदार को इतना कमजोर लिखा गया है, Audience ना उनके Dialogue से जुड़ पाती है ना ही Action से। कुमुद मिश्रा का किरदार पिछली फिल्म ‘Tiger Zinda Hai’ से काफी कमजोर लिखी गयी है। पिछली फिल्म में जहां एक सपोर्टिंग एक्टर के रूप में उनको करने के लिए बहुत कुछ था वहीं इस फ़िल्म में बस वो चलते फिरते ही नज़र आते हैं। Climax Scene में जरूर उन्हें कुछ Screentime दिया गया है लेकिन वो बस चुटकियों में निकल जाता है। रिड्ढी डोगरा, गोविए चहल जैसे किरदारों ने कम समय में पर्दे पर अपनी गहरी छाप छोड़ी है। बाकी ऐसे कुछ और किरदार हैं जिनका काम बेहतर होता, अगर उन्हें कुछ अच्छा लिखा मिलता।

Director :

फ़िल्म के निर्देशक हैं मनीष शर्मा, जिन्होंने इससे पहले ‘Fan’ जैसी बड़ी फ्लॉप फ़िल्म इंडस्ट्री को दी है। अमूमन एक निर्माता के रूप में दिखने वाले मनीष शर्मा अचानक से निर्देशक की किरदार में ख़ुद को तराशने की कोशिश में जुटे हुए हैं। हालांकि एक निर्माता के रूप में मनीष का काम पूर्व में काफी सराहा गया था। ‘बैंड बाजा बारात’, ‘लेडीज vs रिक्की बहल’, शुद्ध देसी रोमांस’ जैसे हिट फिल्मों के पीछे मनीष का बेहतरीन काम छुपा हुआ था। ‘दम लगा के हईशा’ के लिए मनीष ने बतौर लेखक भी अपनी भूमिका बखूबी निभाई थी। लेकिन बीते सालों से मनीष निर्देशक के रूप में कम सक्रिय रहें। वो बीते कुछ सालों में ‘सुई धागा’, ‘हिचक्की’ जैसे अच्छी फिल्मों में एक निर्माता के रूप में जुड़े रहें। सालों बाद जब मनीष शर्मा निर्देशक की भूमिका में आए तो ऐसा लगता है, मनीष अपनी कहानी से इंसाफ नहीं कर पाए। सिर्फ Star Factor पर ही कहानी को भुनाने की कोशिश दिखती है। शायद यही कारण है कि कुछ एक फ्रेम को छोड़ दे तो पूरी फिल्म से वो फैक्टर ग़ायब है जिससे दर्शक खुद को फ़िल्म से जोड़ पाए। बाकी सलमान खान की फ़िल्म है, Box Office Collection में कोई कमी नहीं होगी। नहीं भी देखिएगा तो कुछ हानि नहीं होगी।

क्यों देखें ये फ़िल्म ?

एक्शन फिल्म देखने के शौकीन हैं, कैटरीना को एक्शन अवतार में देखना चाहते हैं, सलमान के फैन हैं, तो ये फ़िल्म आपके लिए है।

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