Ramanand Sagar Birth Anniversary : चंद्रमौली चोपड़ा से रामानंद सागर बनने की कहानी, ‘बरसात’ से ‘रामायण’ तक का सफर

मशहूर निर्माता, निर्देशक, लेखक और संपादक रामानंद सागर उन चुनिंदा लोगों में से है, जो कुछ ठान लेते है तो उसे पूरा करके ही रहते है। ब्रिटिश इंडिया के पंजाब में जन्मे रामानंद सागर का असली नाम चंद्रमौली चोपड़ा था। बचपन में ही उनकी नानी ने उन्हें गोद ले लिया और उनका नाम चंद्रमौली से बदल कर रामानंद रख दिया। इस नाम ने रामानंद सागर को राम की ओर आकर्षित किया और उनके जीवन को एक नई दिशा दी।

रामानंद के सहर्ष की दास्तां

रामानंद सागर एक सम्पन्न परिवार में जन्मे थे। गरीबी और संघर्ष से उनकी मुलाकात जीवन के हर उस मोड़ पर हुई जहां उन्होंने कुछ नायाब करने की सोची। अपनी पढ़ाई के लिए पैसे जुटाना हो या राम की महिमा को लोगों तक पहुंचाना, रामानंद ने ‘हार’ शब्द को कभी अपने इरादों पर हावी नहीं होने दिया।

‘बरसात’ से ‘रामायण’ तक की कहानी

पृथ्वीराज कपूर के पृथ्वी थिएटर में सहायक मैनेजर के रूप में काम करते हुए रामानंद सागर ने राज कपूर की फिल्म “बरसात” की कहानी और स्क्रीनप्ले को लिखा। इसके बाद उन्होंने “मेहमान”, “जिंदगी” सहित बहुत सी फिल्मों में निर्माता और निर्देशक के रूप में काम किया। लेकिन इतना सब करने के बावजूद भी रामानंद की ख्वाइश मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की पुण्य कथा को मानव जाति तक पहुंचाने की थी। अपनी इसी ख्वाइश को पूरा करने के लिए उन्होंने सिनेमा की दुनिया से अलग टीवी की दुनिया में परवेश किया और प्रसिद्ध धारावाहिक “रामायण” का निर्माण किया।

शोध एंव लेखन – बसुन्धरा कुमारी

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