
ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं
पाँव फैलाऊँ तो दीवार में सर लगता है
– बशीर बद्र
हिंदी सिनेमा में ‘ग्रीक गोड’ के नाम से प्रख्यात ऋतिक रोशन ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने अपने जीवन में आए सभी नामुमकिन पड़ाव को मुमकिन कर दिखा है। 10 जनवरी 1974 को मुंबई में जन्मे ऋतिक का बचपन एक फिल्मी कहानी की तरह रहा। जन्म के समय उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। पिता राकेश रोशन की कई फिल्में फ्लॉप हो चुकी थी। घर का किराया ना दे पाने के कारण मकान मालिक ने राकेश रोशन को घर खाली करने को कह दिया। ऋतिक और उनके परिवार को 6 महीने तक अपनी नानी के घर रहना पड़ा। कुछ दिनों बाद पिता राकेश रोशन की फिल्मों को सफलता हासिल हुई, तब कहीं जाकर ऋतिक और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक हो पाई।

स्कोलियोसिस बीमारी से कैसे बदली ज़िंदगी ?
ऋतिक को बचपन में हकलाने की बीमारी थी। स्कूल में ऋतिक के बहुत कम दोस्त थे। वो समय उनके लिए बहुत खराब रहा। वो अकेले में बैठ कर घंटों रोते रहते। परिवार की मदद से उन्होंने स्पीच थैरेपी का सहारा लिया और अपनी आवाज़ को इस तरीके से बदला की आज लोग उनकी डायलॉग डिलीवरी की तारीफ़ करते है। 20 वर्ष की आयु में ऋतिक का सामना स्कोलियोसिस नाम की बीमारी से हुआ। इस वजह से डॉक्टर ने उन्हें डांस नहीं करने की हिदायत दी। लेकिन ऋतिक ने भी अपने शरीर पर काम किया और जॉगिंग की मदद से इस बीमारी पर जीत हासिल की।

जख्म ने फिल्मों में भी साथ नहीं छोड़ा !
‘कृष’ फिल्म की शूटिंग के दौरान ऋतिक 50 फीट की ऊंचाई से गिर गए थे। हुआ यूं था कि एक्शन सीन के दौरान ऋतिक जिस तार की मदद से हवा में उड़ रहे थे, वो तार आचनक से टूट गया। परिणाम स्वरूप उन्हें बहुत दिनों तक पीठ के दर्द से जूझना पड़ा। साल 2014 में आई फिल्म ‘बैंग बैंग’ के एक्शन सीन के दौरान ऋतिक को सिर में चोट लगी। जिसे ठीक करने के लिए उन्हें ब्रेन सर्जरी तक करानी पड़ी।

25 साल का फिल्मी सफर
ऋतिक ने मुख्य अभिनेता के तौर पर अपने करियर की शुरुवात ‘कहों ना प्यार है’ फिल्म से की थी। फिल्म के निर्देशक खुद उनके पिता राकेश रौशन थे। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर काफी सफल रही और फिल्म ने सफलता के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। ऋतिक को बेस्ट डेब्यू एक्टर और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर अवार्ड मिला। आगे यादगार फिल्मों का किस्सा जारी रहा। कभी खुशी कभी गम, कोई मिल गया, कृष, जोधा अकबर, गुजारिश, धूम 2 और ज़िंदगी ना मिलेगी दोबारा जैसे बेहतरीन फिल्मों में ऋतिक ने अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया। पिछले एक दशक में ऋतिक के नाम अग्निपथ, कृष 3, बैंग बैंग, सुपर 30 और वॉर जैसी सुपरहिट फिल्में रहीं।
शोध एवं लेखन – बसुन्धरा कुमारी