Review By : Abhinandan Dwivedi (Former RJ at Radio mayur 90.8 FM)
रिश्ता खून से नहीं परवरिश से बनता है… इंसान का चरित्र खून से नहीं, परवरिश से बनता है… इन दोनों Dialogue में ही पूरे फिल्म के उद्देश्य को अपने कंधों पर लेकर निर्देशक रोहित शेट्टी दर्शकों की बीच ‘Cirkus’ ले कर आए हैं। एक Experiment के साथ सच को छुपाते हुए शुरू होती फ़िल्म की कहानी, सीता – गीता, राम – श्याम वाला जुड़वा Concept, रोहित शेट्टी का मसला कॉमेडी तड़का, Sanjay Mishra और Siddarth Jadav की शानदार कॉमेडी, कम समय के लिए Johny Lever का पर्दे पर आना, Varun Sharma का संतोषजनक कॉमेडी, Action Sceen का ना होना, गाड़ियों की उठा – पटक का खालीपन, Varjesh Hirjee के नागिन डांस को देखने के लिए तरसती दर्शक, Vijendra kala और Tiku Talsania का दर्शकों को खटका छोटा किरदार, Electrical Man का कुछ नया Concept, रोहित शेट्टी का अपने पुराने अंदाज़ में मसाला कॉमेडी को दर्शकों के बीच पड़ोसना, अपनी ही कुछ पुराने फिल्मों की कहानी को नए रूप, नई कलेवर में रखना और इन सब के बच Cinematographer का हमेशा की तरह बेहतरीन काम, Ooty शहर की खूबसूरत वादियों और Devi Shri Prasad, Badshah और DJ Chetas की शानदार म्यूजिक से सजी है फ़िल्म ‘Cirkus’.
Story, Screenplay & Dialogue
फ़िल्म की कहानी को लिखा है Farhad Samji, Sanchit Bedre और Vidhi Ghodgaonkar ने। फ़िल्म की कहानी रोहित शेट्टी के बाकी बने फिल्मों की तरफ भी इशारा करती है। ऐसा लगता है कि ये कहानी तो हमनें रोहित की इस फ़िल्म में देखा था, ये वाला Sceen तो रोहित की इस फ़िल्म में देखा था, ये वाला किरदार तो इस फ़िल्म में देखा था। ये तमाम चीजे पूरी फिल्म में आपको झकझोर के रखेंगी। बावजूद इसके पूरी फिल्म बड़े ही खुशमिज़ाज अंदाज़ का एहसास कराती है। कारण है रोहित शेट्टी का फिल्मी अंदाज। कुछ है रोहित शेट्टी के Film Making में जो दर्शकों को पूरी फिल्म से बांधे रखता है।
अब बात कहानी की करते है। एक Experiment के साथ शुरू होती है फ़िल्म की कहानी जो एक राज़ को दबाए हुए आगे बढ़ती है। जुड़वा और हमशक्ल वाले concept पर आगे बढ़ते हुए दो शहरों को कहानी अलग अलग किरदार से जुड़ती है। एक Banglore तो दूसरा Ooty शहर। अब Ooty वाला Roy (Ranveer Singh) अगर बिजली के तार से Cirkus दिखता है तो Banglore वाले Roy के शरीर मे भी Current का वास होता है। ये माजरा क्या है, जब आप फ़िल्म देखेंगे तो समझ मे भी आएगा और मज़ा भी आएगा।
किसी काम के सिलसिले में Banglore वाला Roy और Joy जब Ooty पहुँचतें हैं, यहाँ से शुरू होता है The So Called Rohit Shetty Confusion Masala Story. इन सब किरदारों के बीच आपका हँसते हुए पागल होना निश्चित है। Banglore वाले Roy को Ooty का Roy समझना और इन सब के बीच दोनों का प्यार और दोनों का परिवार कैसे एक Confusion मशाल कॉमेडी का रूप लेता है, ये आप देखते हुए भरपूर आनंद लेंगे। इन सब के बीच मोमो के किरदार में Siddarth Jadav का पीछे से एक चोर की कहानी का चलना आपको लोटपोट कर देगा। Ooty और Banglore के बीच क्या रिश्ता है ? इन दोनों किरदारों के बीच क्या सम्बंध है ? क्या दोनों Roy और Joy को सच का पता चलेगा ? क्या दोनों एक दूसरे को जान पाएंगे ? क्या दोनों को Experiment का सच पता चल पाएगा ? ये सब आपको कहानी खत्म होते पता चलेगा।
फ़िल्म का Screenplay लिखा है Yunus Sajawal ने। और ये कहना पड़ेगा कि Screenplay कमाल का है। बहुतेरों किरदार को एक कहानी के साथ बांधते हुए ऐसा Screenplay लिखना जहां हर वक्त किरदार दर्शकों के जहन में दौड़ता हो, इसके लिए Yunus Sajawal को 10 में 10 अंक देना बनता है। हर छोटे से छोटे किरदार को दर्शको के बीच 70mm के पर्दे पर जीवित रख पाने में Yunus Sajawal कामयाब दिखते हैं।
बात Dialogue की करें तो यहाँ भी फ़िल्म दर्शकों का दिल जीतने में सफल दिखती है। Sanjay Mishra और Siddarth Jadav के किरदार को बहुत खूबसूरती से लिखा गया है। दोनों किरदार के Dialogue ऐसे की आप हँसते हँसते पागल भी हो सकते हैं।
Actor Performance
राज बहादुर के किरदार में Sanjay Mishra और मोमो के किरदार में Siddarth Jadav, ये दो ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने पूरी फिल्म को अपने जबरदस्त अभिनय के दम पर सम्भाला है। या यूं के ले ये दोनों किरदार फ़िल्म की जान है। Siddharth Jadav ने एक बार फिर अपने अभिनय का लोहा मनवाया है और दर्शकों के बीच एक बार फिर अपनी पहचान स्थापित की है। Sanjay Mishra जैसे कलाकार के बारे में लिखना एक जिम्मेदारी भरा काम है। फ़िल्म में Sanjay Mishra का होना फ़िल्म के Comedy Elements को बनाये रखता है। Johnny Lever का Screen Space कम रखा गया है। Interval के बाद मुश्किल से 3 बार Polsan Dana के किरदार में Johny Lever दर्शको के सामने आते हैं। इसके बावजूद भी Johny lever ने अपने जबरदस्त Acting Skills का परिचय देते हुए अपने किरदार को जीवंत किया है। Ranveer Singh, Jacqueline और Pooja Hegde का किरदार बस Star Factor या यूं कह ले किसी फिल्म के Poster पर छपने जितना ही है। किरदार में ऐसा कुछ ख़ास नहीं जिसका स्पेशल ज़िक्र किया जाए। Dr. Roy के किरदार में Murali Sharma फ़िल्म में एक सूत्रधार के किरदार में हैं और अपने कम Screen Space में अच्छा काम किया है। Mukesh Tiwari, Vrajesh Hirjee, Brijendra Kala और Tiku Talsania जैसे बड़े कलाकारों ने अपना काम बखूबी किया है। शायद और बेहतर Screen Timeout मिलता तो ये सभी बड़े कलाकार कुछ और बेहतर छाप दर्शको पर छोड़ पाते।
Direction
इस फ़िल्म की खास बात या अच्छी किस्मत कह ले कि इस फ़िल्म के निर्देशक रोहित शेट्टी हैं। अपनी कुछ पिछली फिल्मों की कहानी को जोड़ कर एक नया फ़िल्म तैयार करना कोई रोहित शेट्टी से सिख सकता है। भले ही आगे फ़िल्म का Box Office Collection कम होगा लेकिन जो दर्शक फ़िल्म देख कर सिनेमा हॉल से निकलेगा उसके चेहरे पर मुस्कान जरूर दिखाई पड़ेगा। ये रोहित शेट्टी के फिल्मी अंदाज़ है जिसका हर सिनेमा प्रेमी दीवाना है। अगर कोई और दूसरा निर्देशक इस कहानी पर काम करता तो शायद फ़िल्म को इतना खूबसूरत नही फिल्मा पाता जितना कि रोहित शेट्टी। रोहित शेट्टी में कुछ ख़ास है जो वो अपनी फिल्मों के माध्यम से दिखाते हैं और दर्शक वर्ग उसमे डूबती चली जाती है। ये फ़िल्म भी कुछ ऐसी ही है। रोहित शेट्टी के काम से हम सब परिचित हैं। बेहतर यही होगा कि आप फ़िल्म देख कर आए।
क्यों देखें ये फ़िल्म ?
Sanjay Mishra, Siddarth Jadav जैसे जिंदादिल कलाकारों के अभिनय का साक्षी बनना चाहते हैं तो ये फ़िल्म आपके लिए है। Ooty शहर की वादियों को अपने दिल मे उतारना चाहते हैं तो फ़िल्म का दीदार जरूर करें।