Indian Army Day 2025 : भारतीय सेना दिवस पर जाने, कैसे मिली के एम करियप्पा को भारतीय सेना की कमान ?
भारतीय थल सेना के पहले फील्ड मार्शल कोडंडेरा मदप्पा करियप्पा इतिहास के ऐसे जाबाज़ नायक जिन्होंने आज़ाद भारत...
Mohan Rakesh Birth Anniversary : आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कथाकार मोहन राकेश
आख़िर आदमी के पास एक ही तो ज़िंदगी होती है,प्रयोग के लिए भी और जीने के लिए भी.!...
Chandpur Ki Chanda Book Review : राजनीतिक जीवन और प्रेम के दरिया में डुबकी लगाती ‘चाँदपुर की चंदा’…
नदी किनारे की जिंदगी एक बांध के सहारे बंध के सिमट जाती है। बाढ़ का पानी और पूरा...
Happy New Year 2025 Wishes Quotes : इस नए साल का नया हर-पल, हम नया कुछ कर जाएंगे… हाँ ! हम मेहनत करते जाएंगे
शीर्षक – हाँ ! हम मेहनत करते जाएंगे आओ करें आज यह प्रण, अब हम न वक़्त गवांएगेइस...
‘मैला आंचल’ पुस्तक समीक्षा : फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ की नज़र में युगों से सोई हुई ग्राम – चेतना कैसे जाग रही है !
‘मैला आँचल’ हिन्दी के आंचलिक उपन्यासों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। फणीश्वरनाथ रेणु द्वारा 1954 ई. में ‘मैला...
गोधन पूजा : गोधन कुटाई की क्या है पूरी कहानी ? गोधन पूजा से जुड़ी दंतकथा का एक प्रसंग !
बहनें सुबह गोधन भईया का पूजा करके अपने भाई को रेगनी के कांट से शरापती हैं और वहां से बजरी लाकर अपनी भाई को खिलाती है। बजरी के प्रसाद में सुखा चना, सुखा मटर, मिठाई, नारियल, कटी मिसरी, बताशा होता है।
Pramila Magzine : जीआई टैग की प्रासंगिकता और भव्यता को दिखाती प्रमिला पत्रिका प्रकाशित
पत्रिका के संपादक अभिनंदन द्विवेदी का कहना है कि पत्रिका के हर अंक के ज़रिए एक नवीन बिहार दिखाने का प्रयास रहता है। हमारी हमेशा से यह कोशिश है कि पत्रिका में वैसे मुद्दों को स्थान दिया जाए जो सीधा जन जागरण से जुड़ा हो, साथ ही अपनी मिट्टी, अपनी मातृभाषा भोजपुरी पर रचनात्मक काम किया जा सके।
Stree 2 : हॉरर और सस्पेंस का भरपूर डोज, Niren Bhatt के शानदार लेखन से सजी है फ़िल्म
One Word Review : Incredible Review by : Abhinandan Dwivedi (Journalist & Former RJ) फ़िल्म समाप्त होती है...
Panchayat Season 3 : ‘बजर जमीन पऽ धान लहराइल’, गाँव के संवाद आ विचार के सुखद संयोजन
‘पंचायत सीजन 3’ वेब सीरीज समीक्षा : सोनु किशोर Panchayat Season 3 : जब आधा से ज्यादा फिल्मी...
‘विध्वंस की लड़ाई’ राजनीति और कुकर्म पर बेरहम वार, निवेदन नहीं नरसंहार की परिभाषा को गढ़ती है फ़िल्म Bhaiyya Ji : Bhaiyya Ji Film Review
One Word Review : Excellent Review by : Abhinandan Kumar Dwivedi (Former RJ) “निवेदन नहीं, नरसंहार होगा…”, “कुकर्मी...