भगीरथ को मिली देवनदी हो तुम।
भगीरथ को मिली देवनदी हो तुम,,, उबन उदासी भरी दुनिया मे,सुखी परी प्रेम की नदियां में,भरपूर जीवन बहाने...
मैं धुंध का शिकार हूं।
कविता: प्रेम शंकर धुंध का शिकार हूं,किरण पे मैं सवार हूं,डमरू सा बजता हुआ,गौरी का मै श्रृंगार हूं।।हां,...
नया साल, नया आसमां, नया सूरज, नया चाँद… Happy New Year 2023
कविता: सन्नी सिन्हा (युवा साहित्यकार) ऐ मानव तू जाग!नए साल का नया सवेरा,चीख-चीख कर पुकार रहा है,युवा तेरे...