(चइता)

बीत गइले सँउसे फगुनवां हो रामा
पिया नाहीं अइलें…
भोरे – भोरे कुहुकेले कोइलरि सवतिया
छने- छने इयाद आवे उनके सुरतिया।
झर – झर झरेला नयनवां हो रामा
पिया नाहीं अइलें ……
नसे – नसे घोरे नासा चइती बयरिया
झूमि – झूमि घुंघरू बजावेले रहरिया।
गम – गम गमके सिवनवां हो रामा
पिया नाहीं अइलें ….
जरि जाला जिया देखि सूनी सेजरिया
लागे भकसावन अंगना – दुअरिया ।
काटे धावे खेत – खरिहनवां हो रामा….
पिया नाहीं अइलें …..
सहकल सरेहिया भइल उतपाती
मिल गइल मटिया में जोगवल थाती।
छछनल मोरे अरमनवाँ हो रामा
पिया नाहीं अइलें ..
बीत गइले सँउसे फगुनवां हो रामा …
पिया नाहीं अइलें
डॉ. ज्ञानेश्वर गुंजन (बेतिया, बिहार)
Waah kya Kavita hai mn khush ho gya